
रायपुर / बस्तर, छत्तीसगढ़:
राज्य में लंबे समय से सक्रिय नक्सल उग्रवाद के खिलाफ एक और बड़ी सफलता सामने आई है। छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों की लगातार रणनीति, पुनर्वास नीति और विश्वास निर्माण कार्यक्रमों का असर अब साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। हाल ही में राज्य के एक संवेदनशील क्षेत्र में सात माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी कई वर्षों से नक्सली संगठनों से जुड़े हुए थे और विभिन्न हिंसक घटनाओं में उनकी भूमिका रही है।
पुलिस और जिला प्रशासन ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आवश्यक सहायता और संरक्षण दिया जाएगा। इन्हें प्रारंभिक पूछताछ के बाद पुनर्वास केंद्र भेजा गया है, जहां उन्हें शिक्षा, रोजगार और जीवन यापन के लिए जरूरी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एसपी (जिला पुलिस अधीक्षक) ने बताया कि यह आत्मसमर्पण माओवादी हिंसा से तंग आ चुके युवाओं में बदलते माहौल और प्रशासनिक पहुंच का परिणाम है। उन्होंने यह भी अपील की कि जो माओवादी अभी भी हथियारबंद हैं, वे भी मुख्यधारा से जुड़कर समाज की उन्नति में योगदान दें।