
दुर्ग, छत्तीसगढ़ | एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने आज बोरी तहसील में पदस्थ राजस्व विभाग के एक कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। आरोपी बाबू वीरेंद्र तूरकाने को ₹17,500 की रिश्वत लेते वक्त पकड़ा गया है।

क्या है मामला?
टेकापार गांव निवासी किसान धनेन्द्र ने अपनी जमीन का नामांतरण (mutation) कराने के लिए आवेदन दिया था। इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के एवज़ में बाबू वीरेंद्र तूरकाने ने ₹17,500 की रिश्वत की मांग की।
किसान ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए एसीबी से इसकी शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने जाल बिछाया, और तय योजना के अनुसार किसान से रिश्वत लेते ही आरोपी बाबू को रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
ACB की कार्रवाई
एसीबी की टीम ने मौके पर पहुंचकर सबूतों के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया।
आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है।
अब उससे पूछताछ की जा रही है कि वह अकेले इस गड़बड़ी में शामिल था या किसी और की भी मिलीभगत है।
प्रशासन और सरकार पर सवाल
यह घटना प्रशासनिक तंत्र में फैले भ्रष्टाचार की एक बानगी है। आम आदमी, विशेषकर किसान और ग्रामीण, अक्सर ऐसे भ्रष्टाचार का शिकार होते हैं, जहां कानूनी कामों के लिए भी पैसे मांगना आम हो गया है।
✅ ACB की सक्रियता
हाल के दिनों में एसीबी द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में कई रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह घटना उस कड़ी का एक और उदाहरण है।
जनहित में संदेश:
“अगर आपसे कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत मांगता है, तो तुरंत एसीबी या संबंधित विभाग में शिकायत करें। आपका साहस किसी और को भी न्याय दिला सकता है।”
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