 यह मामला भारतीय समाज और प्रशासन के लिए कई सवाल छोड़ता है:

उत्तर कन्नड़ (गोकर्ण), कर्नाटक –
रामतीर्थ पहाड़ियों के घने जंगल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ रूसी महिला नीना कुटिना उर्फ मोही (40) अपनी दो बेटियों प्रेमा (6) और एमा (4) के साथ गुफा में रह रही थी।

पुलिस को जंगल में गश्त के दौरान गुफा के बाहर सूखते कपड़े दिखाई दिए, जिसके बाद तलाशी अभियान में यह विचित्र रहन-सहन उजागर हुआ।

2017 में वीजा समाप्त, फिर भी भारत में रहना जारी
नीना का वीज़ा 2017 में समाप्त हो गया था। इसके बाद वह 2018 में नेपाल से भारत लौटी और बिना वैध दस्तावेजों के यहां रह रही थी। पूछताछ में उसने बताया कि वह भारतीय आध्यात्मिकता और ध्यान साधना से आकर्षित होकर यहाँ रहने लगी। गुफा में भगवान की तस्वीरें और पूजा का स्थान भी मिला।

बच्चियों का जन्म संभवतः भारत में
अधिकारियों का मानना है कि दोनों बच्चियों का जन्म संभवतः भारत में ही हुआ होगा, क्योंकि वे काफी छोटी हैं और नीना के साथ ही यहां पली-बढ़ी हैं।

सुरक्षा के मद्देनज़र महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने लिया संरक्षण में
फिलहाल तीनों को महिला एवं बाल कल्याण विभाग के स्वागत केंद्र में रखा गया है। अब उन्हें बेंगलुरु स्थित एफआरआरओ कार्यालय ले जाया जाएगा, जहाँ से रूस प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

प्रशासन भी हैरान
स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारी हैरान हैं कि एक विदेशी महिला और उसके दो छोटे बच्चे पिछले कई वर्षों से जंगल की कठिन परिस्थितियों में कैसे रह रहे थे, वह भी बिना किसी सरकारी जानकारी के।

नीना इतने वर्षों तक कैसे बची रही?

क्या बच्चियों को किसी तरह की शिक्षा या स्वास्थ्य सुविधा मिली?

भारत में आध्यात्मिकता के नाम पर आने वाले विदेशी नागरिकों की निगरानी कैसे की जाए?

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