“RTI में खुलासा – पीएम आवास वादा ‘काल्पनिक प्रश्न’, जवाब में कोई दस्तावेज नही। यह सिर्फ वादा,

आजाद भारत न्यूज़ लाइव की विशेष रिपोर्ट- नई दिल्ली: आज़ादी के 75वें वर्ष पर प्रधानमंत्री द्वारा “हर व्यक्ति को घर उपलब्ध कराने” की घोषणा को लेकर दायर की गई एक आरटीआई (RTI) पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने चौंकाने वाला जवाब दिया है।
राज्य RTI एक्टिविस्ट- नीतिन राजीव सिंहा द्वारा 5 अगस्त 2022 को दाखिल इस आरटीआई में पूछा गया था कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा के बाद किन विभागों को निर्देश भेजे गए और क्या कार्रवाई हुई, साथ ही इन सभी पत्राचार की प्रतिलिपियाँ मांगी गई थीं।

लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस आरटीआई को खारिज करते हुए कहा कि “यह प्रश्न काल्पनिक और विचारात्मक है, अतः सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 2(एफ) के अंतर्गत मांगी गई सूचना परिभाषित नहीं होती।”

इस जवाब से एक बड़ा सवाल खड़ा होता है — क्या प्रधानमंत्री की घोषणाएं महज राजनीतिक बयानबाज़ी हैं?
सूचना के अधिकार का उद्देश्य सरकारी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। लेकिन जब देश के सबसे बड़े कार्यालय से इस प्रकार का उत्तर आता है, तो यह नागरिकों के विश्वास और लोकतंत्र की नींव पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाता है।

क्या “हर घर” का वादा सिर्फ एक सपना था?
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इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार को घेरते हुए तीखा तंज कसा है। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा “हर किसी के लिए घर उपलब्ध करवाने” की घोषणा और उस पर मांगी गई RTI के जवाब को लेकर कहा:
भूपेश बघेल का वार:
“प्रधानमंत्री ने घोषणा की – सरकार सभी के लिए घर उपलब्ध करवाएगी।
सूचना के अधिकार के तहत मांगा आवश्यक कार्रवाई और पत्राचार का विवरण।
जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा – काल्पनिक प्रश्न।
#जुमला के बाद नया मास्टर स्ट्रोक है #काल्पनिक_प्रश्न”
