कोटा ब्लॉक में शिक्षा से खिलवाड़! समय से शाला नही पहुंचते शिक्षक, सवाल पूछने पर पत्रकार को धमकी, BEO पर संरक्षण का आरोप!

छतौना/ कोटा।बिलासपुर- आजाद भारत न्यूज़ लाइव-
नई शिक्षा नीति के लक्ष्य दूर – शिक्षक गैरहाजिर, पत्रकार धमकाए गए, BEO पर संरक्षण के आरोप।
छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला झेराखोला (संकुल केंद्र छतौना) में शिक्षकों की मनमानी का मामला सामने आया है। आरोप है कि यहां शिक्षक मनचाहे समय पर स्कूल खोलते और समय से पहले बंद कर चले जाते हैं।
स्थानीय ग्रामीणों, अभिभावकों और पूर्व सरपंच प्रतिनिधि ने शिकायत की कि शिक्षकों की इस लापरवाही से बच्चों की पढ़ाई गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। विद्यार्थियों ने भी शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

जब एक स्थानीय पत्रकार ने इस अनियमितता को उजागर करते हुए शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, तो संकुल प्रभारी ने कथित तौर पर पत्रकार को धमकी दे दी। इस घटना के बाद ग्रामीणों और पत्रकारों में आक्रोश है।
जनप्रतिनिधि धीरेन कोरवा का बयान
जनप्रतिनिधि धीरेन कोरवा ने कहा कि “झेराखोला प्राथमिक शाला में शिक्षकों की मनमानी से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, यह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शिक्षक समय पर स्कूल आएं और नियमित पढ़ाई सुनिश्चित करें।”
उन्होंने आगे कहा कि “पत्रकार अपना काम कर रहे हैं और मुद्दों को उठाना उनका हक व जिम्मेदारी है। ऐसे में उन्हें धमकाना पूरी तरह गलत है। यह न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला है बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों का भी उल्लंघन है। प्रशासन को तुरंत मामले की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए।”

BEO पर आरोप – संरक्षण में चल रही लीपापोती
ग्रामीणों और पत्रकार संघ का आरोप है कि पूरे मामले में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) के संरक्षण में लीपापोती हो रही है। कहा जा रहा है कि सभी शिक्षक और संकुल समन्वयक BEO की छत्रछाया में मनमानी कर रहे हैं।
शिकायत के बाद केवल खानापूर्ति होती है – दोषी शिक्षकों को नोटिस थमा दिया जाता है, कुछ दिन कार्यालय के चक्कर लगते हैं और फिर वही शिक्षक निर्दोष साबित हो जाते हैं। यह कितनी “सरल प्रक्रिया” है, यही कोटा विकासखंड में लगातार चल रहा है।
स्थानीय लोगों ने सवाल उठाया कि जब शिक्षक ही समय पर स्कूल नहीं पहुंचेंगे तो नई शिक्षा नीति के लक्ष्य पूरे करना तो दूर, बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना भी नामुमकिन हो जाएगा।
शिक्षा समिति पर भी सवाल???
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल, ब्लॉक और जिला स्तर पर शिक्षा समितियाँ पूरी तरह निष्क्रिय हो चुकी हैं। विधायक और सांसद प्रतिनिधि के रूप में समिति के सदस्य सभी स्कूलों में नियुक्त हैं, लेकिन वे न तो मुद्दों को उठाते हैं और न ही प्रयास करते हैं।
लोगों का कहना है कि आज यदि शिक्षा समिति सक्रिय होती तो हालात बिल्कुल अलग होते। “हकीकत यह है कि समितियाँ भी शाला के शिक्षकों के इशारे पर चल रही हैं,” ग्रामीणों ने आरोप लगाया।

पत्रकार संघ की चेतावनी–
पत्रकार संघ ने स्पष्ट कहा है कि लापरवाह शिक्षकों को संरक्षण देने और गंभीर मामलों की लीपापोती करने के आरोप में वह BEO के खिलाफ आंदोलन करेगा। संघ ने चेतावनी दी है कि यह मामला सीधे शिक्षा मंत्री तक पहुंचाया जाएगा और दोषियों को सजा दिलाने तक लड़ाई जारी रहेगी।