ब्रेकिंग न्यूज़- NHM कर्मचारियों की हड़ताल पर सरकार का बड़ा फैसला: 16 सितंबर तक जॉइन नहीं किया तो होगी बर्खास्तगी, नई भर्ती प्रक्रिया होगी शुरू

नवा रायपुर, 15 सितंबर 2025। आजाद भारत न्यूज़-
नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के कर्मचारियों की लंबे समय से जारी हड़ताल पर अब छत्तीसगढ़ सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को पत्र जारी कर स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि हड़ताली कर्मचारी 16 सितंबर 2025 तक अपनी ड्यूटी पर वापस नहीं लौटते हैं, तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा और उनके स्थान पर नई भर्ती की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाएगी।



आदेश की कॉपी से महत्वपूर्ण बिंदु
1. दुर्घटना/गंभीर बीमारी अवकाश
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मानव संसाधन नीति 2018 की धारा 35.8 के अंतर्गत 30 दिन का अवैतनिक अवकाश अब मानवीय आधार पर सवैतनिक कर दिया गया है।
2. वार्षिक मूल्यांकन में पारदर्शिता
प्रतिकूल टिप्पणी या सेवा समाप्ति से पूर्व कर्मचारियों को सुनवाई का अवसर दिया जाएगा।
इसके लिए राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्वीकारकर्ता और अपीलीय अधिकारी तय किए गए हैं।
जल्द ही ऑनलाइन पोर्टल आधारित व्यवस्था भी लागू होगी।
3. 5% अतिरिक्त वेतन वृद्धि
जुलाई 2023 की स्थिति में कार्यरत कर्मचारियों के लिए 5% अतिरिक्त वेतन वृद्धि को राज्य कार्यकारिणी समिति ने मंजूरी दी है।
यह वेतन वृद्धि वित्त विभाग की सहमति मिलने के बाद लागू होगी।
4. स्वास्थ्य बीमा सुविधा
सभी NHM संविदा कर्मचारियों और उनके परिवार को स्वास्थ्य बीमा देने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
HRMIS पोर्टल में कर्मचारी परिवार का डाटा दर्ज कराया जा रहा है।
5. ग्रेड पे और अनुकम्पा नियुक्ति
सात सदस्यीय राज्य स्तरीय समिति गठित की गई है, जो विभिन्न राज्यों की नीतियों और छत्तीसगढ़ में प्रचलित नियमों का अध्ययन कर तीन माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
6. स्थानांतरण नीति
NHM मानव संसाधन नीति 2018 की धारा 42 में स्थानांतरण नीति पहले से मौजूद है।
कर्मचारियों की मांग के आधार पर इसमें संशोधन के सुझाव लेने के लिए जिलों को पत्र भेजा गया है।
सरकार का सख्त रुख
आदेश में कहा गया है कि कर्मचारियों की मांगों पर सरकार ने सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकारात्मक निर्णय लिए हैं।
इसके बावजूद कर्मचारी अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहकर हड़ताल कर रहे हैं, जो लोकसेवक के कर्तव्यों की अवहेलना है और आम जनता की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।
पहले 29 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी कर 16 सितंबर तक जॉइन करने की अंतिम समय सीमा दी गई थी।
अब निर्देश है कि जो कर्मचारी 16 सितंबर तक कार्य पर नहीं लौटेंगे, उनकी सेवा एक माह का नोटिस देकर समाप्त कर दी जाएगी।
“नो वर्क, नो पे” लागू
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि हड़ताल के दौरान अनुपस्थित रहने वाले किसी भी कर्मचारी/अधिकारी को वेतन या मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा। यह आदेश छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव अमित कटारिया के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी किया गया है।

कर्मचारियों और संघ की प्रतिक्रिया
संविदा कर्मचारी संघ का कहना है कि सरकार की घोषणाएं केवल “आश्वासन” हैं, ज़मीनी स्तर पर अब तक किसी भी निर्णय को लागू नहीं किया गया है।
संघ का आरोप है कि 5% वेतन वृद्धि की बात पिछले दो साल से की जा रही है, लेकिन वेतन में कोई बदलाव नहीं हुआ।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह सुरक्षा, सेवा शर्तें और स्थायित्व चाहिए।
हड़ताल कर रहे एक कर्मचारी ने कहा –
“हम रोजाना जनता के स्वास्थ्य के लिए काम करते हैं, कोविड-19 जैसी महामारी में हमने जान जोखिम में डालकर ड्यूटी की। अब जब अपनी सुरक्षा और भविष्य की बात उठाई है तो हमें नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही है। यह सरासर अन्याय है।”
संघ ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि कर्मचारियों को जबरन बर्खास्त किया गया तो राज्यभर में आंदोलन और तेज होगा।