रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस के स्पेशल इंटेलिजेंस ब्रांच (SIB) के अंतर्गत संचालित एसबी-एमटी पुल में पेट्रोल खर्च को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों ने कई बार इस मामले में उच्चाधिकारियों को जानकारी दी, लेकिन अब तक न तो कोई जांच शुरू हुई है, न ही जवाबदेही तय की गई है।

सूत्रों के अनुसार, पुल में तैनात वाहनों के लिए जो पेट्रोल-डीजल जारी किया जाता है, उसका रिकॉर्ड और वास्तविक खपत में बड़ा अंतर देखा गया है। एक ही वाहन को कई दिनों तक गैर-चालू रहने के बावजूद उस पर पेट्रोल खर्च दिखाया गया, जिससे शक और बढ़ गया है।

कर्मचारियों का कहना है कि पेट्रोल की अनियमित सप्लाई, फर्जी बिलिंग, और कथित “ऊपर से दबाव” जैसी बातें अक्सर सुनने में आती हैं, लेकिन जब इन पर सवाल उठाए जाते हैं तो फाइलें दबा दी जाती हैं।

एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि –
“वाहनों की रूट ड्यूटी होती ही नहीं, फिर भी पेट्रोल की खपत कागजों पर दिखाई जाती है। यह सिर्फ बजट खपत नहीं, बल्कि सिस्टम का दुरुपयोग है।”

स्थानीय स्टाफ की ओर से दी गई शिकायतों को कई बार नजरअंदाज कर दिया गया। इसके बावजूद किसी भी वरिष्ठ अधिकारी ने जांच के आदेश नहीं दिए। यह रवैया सार्वजनिक धन के दुरुपयोग और जवाबदेही की कमी को दर्शाता है।

वहीं पुलिस महकमे की ओर से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला बड़े घोटाले का रूप ले सकता है।

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