
रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रख्यात हास्य-व्यंग्य कवि एवं पद्मश्री से सम्मानित डॉ. सुरेंद्र दुबे का 26 जून को रायपुर स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके निधन की खबर से राज्यभर में शोक की लहर दौड़ गई है। वे 72 वर्ष के थे।
डॉ. दुबे की पार्थिव देह पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय उनके निवास पहुंचे। मुख्यमंत्री ने पुष्प अर्पित कर कवि को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और शोकाकुल परिजनों से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ की साहित्यिक चेतना में उनकी अनुपस्थिति एक शून्य छोड़ जाएगी, जिसकी भरपाई संभव नहीं। ॐ शांति।”
मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे। उन्होंने दिवंगत कवि को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, अन्य जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार एवं शुभचिंतक भी उपस्थित थे।
डॉ. सुरेंद्र दुबे देशभर में अपनी विशिष्ट हास्य शैली और मंचीय प्रस्तुति के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने कई कविता संग्रह प्रकाशित किए और दूरदर्शन तथा आकाशवाणी के माध्यम से भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। उन्हें वर्ष 2010 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया था।
उनके निधन के उपरांत साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थानों द्वारा प्रदेशभर में श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी उन्हें याद करते हुए हजारों लोग उनकी कविताएं और स्मृतियाँ साझा कर रहे हैं।
डॉ. दुबे का जाना न केवल एक यशस्वी कवि की विदाई है, बल्कि छत्तीसगढ़ की हास्य-व्यंग्य परंपरा के एक मजबूत स्तंभ का अवसान भी है। उनकी रचनाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।
