शुक्रवार रात जारी हुई पहली जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

स्थान: अहमदाबाद एयरपोर्ट | दुर्घटना तिथि: 12 जून 2025
रिपोर्ट जारी: 12 जुलाई 2025 (शुक्रवार रात)
रिपोर्ट स्त्रोत: एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB)

मुख्य खुलासे जो पूरे देश को चौंकाते हैं:

  1. टेकऑफ़ के तुरंत बाद दोनों इंजन बंद हुए – बिना किसी तकनीकी खराबी के!

AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, विमान के टेकऑफ़ के 5 सेकंड के भीतर पहले एक और फिर दूसरे इंजन का फ्यूल सप्लाई “RUN” से “CUTOFF” में मैन्युअली बदला गया।
➡️ रिपोर्ट का शब्द: “पायलट ने नहीं किया — फिर किसने किया?”

🎙️ 2. ब्लैक बॉक्स और कॉकपिट ऑडियो में डरावनी बातचीत रिकॉर्ड:

🧑‍✈️ पायलट-1: “तूने विमान क्यों बंद कर दिया?”
👨‍✈️ पायलट-2: “मैंने नहीं किया…”

➡️ यानी यह कार्रवाई जानबूझकर की गई या किसी और के आदेश पर हुई — सवाल अभी भी बना हुआ है।

🛠️ 3. किसी सेंसर या प्रणाली की तकनीकी विफलता नहीं मिली:

AAIB की टीम ने स्पष्ट किया कि न विमान में कोई मैकेनिकल फॉल्ट था, न ही फ्यूल क्वालिटी या मौसम में कोई गड़बड़ी।

✍️ विश्लेषण: यह अब तक का सबसे गंभीर संकेत है कि हादसे की जड़ मानव हस्तक्षेप है — गलती से या जानबूझकर।

  1. आपातकालीन ‘RAT’ सिस्टम ने ली कमान, लेकिन फिर भी विमान धड़ाम:

इंजन फेल होते ही ‘Ram Air Turbine’ (RAT) ने बैकअप पावर दी, लेकिन इतने कम ऊंचाई पर यह उपयोगी नहीं साबित हुआ।
कुछ सेकंड में विमान ने नियंत्रण खोया और एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर दूर खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

❓ 5. सबसे बड़ा सवाल: क्या पायलटों से कोई चूक हुई या सिस्टम में घुसपैठ?

रिपोर्ट कहती है:

“दोनों स्विच CUTOFF में मैन्युअल रूप से डाले गए।”

“कोई सिस्टम बग या कंप्यूटर त्रुटि नहीं मिली।”

“पायलटों ने गलती से स्विच बदला या जानबूझकर?” — जांच जारी है।

विशेषज्ञों की राय:

नलिनीथा उप्पल (एविएशन लॉयर, दिल्ली):

“अगर स्विच जानबूझकर बदले गए हैं, तो यह सिर्फ दुर्घटना नहीं, आपराधिक साजिश भी हो सकती है।”

कैप्टन अनंत सामंत (पूर्व पायलट):

“को-पायलट को टेकऑफ की कमान देना सामान्य बात है, लेकिन इतनी जल्दी दोनों इंजन बंद होना गंभीर सवाल खड़े करता है।”

पीड़ित परिवारों का दर्द:

हादसे में मारे गए 49 लोगों के परिजन रिपोर्ट देखकर और विचलित हो गए।

“हमें जवाब चाहिए – हमारे अपनों की मौत गलती से हुई या किसी ने साजिश की?”
सरकार से 20 लाख रुपये मुआवजा, लेकिन न्याय की मांग अब तेज़ हो गई है।

प्रेस नोट और सरकार की प्रतिक्रिया:

DGCA ने बयान में कहा:
“रिपोर्ट केवल प्रारंभिक है, अंतिम निष्कर्ष के लिए विस्तृत जांच जारी रहेगी।”

नागर विमानन मंत्री का बयान:
“जिनकी भी गलती होगी — पायलट, ATC या सिस्टम — कोई नहीं बचेगा।”

अनसुलझे सवाल जो अब भी बाकी हैं:

❓ सवाल ❗ स्थिति

स्विच किसने बंद किया? जांच जारी, रिपोर्ट मौन
क्या को-पायलट ने जानबूझकर किया? प्रमाण नहीं मिला
सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन? हो सकता है – SOP समीक्षा में
साजिश का कोण? जांच एजेंसियों के रडार पर

यह सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं — बल्कि देश की विमानन सुरक्षा, पायलट प्रशिक्षण और नियंत्रण प्रणाली पर बड़ा सवाल है।
👉 जांच एजेंसियों के लिए अब यह सिर्फ तकनीकी रिपोर्ट नहीं, एक अपराध जांच जैसा बन चुका है।

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