“उल्टा चोर कोतवाल को डांटे”– अवैध उत्खनन रोकने वाले समाजसेवी पर झूठी शिकायत, ग्रामीण बोले यह रेत माफिया की साजिश..

बेलगहना/बिलासपुर। अरपा बचाओ अभियान के तहत अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले समाजसेवी सचिन साहू पर ही अब रेत माफिया ने झूठी शिकायत कर कार्रवाई कराने की कोशिश की है। इस पूरे मामले में कहावत “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे” चरितार्थ होती नजर आ रही है।
दरअसल, ग्राम करहिकछार निवासी संजय यादव ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को शिकायत पत्र भेजकर साहू पर गुंडागर्दी, अवैध वसूली और रेत परिवहन पास छीनकर फाड़ने का आरोप लगाया था। साथ ही यह भी कहा गया कि साहू ने दो ट्रैक्टर अवैध रूप से पुलिस थाने पहुंचाए। शिकायत के आधार पर समाजसेवी की छवि धूमिल करने और उन पर कार्रवाई कराने की मंशा जाहिर हो रही है।

शिकायत की जानकारी मिलते ही समाजसेवी सचिन साहू ने गुरुवार को बिलासपुर मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर और एसपी से मुलाकात की। उन्होंने अधिकारियों को आवेदन की प्रति सौंपते हुए अपना पक्ष रखा। साहू ने साफ कहा कि रेत माफिया के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और निराधार हैं।


जिन ट्रैक्टरों को उनके द्वारा थाने ले जाने की बात कही जा रही है, उन्हें स्वयं बेलगहना चौकी प्रभारी ने जप्त कर लाया था।
परिवहन पास फाड़ने का आरोप भी पूरी तरह झूठा है, क्योंकि शिकायतकर्ता संजय यादव घटना स्थल पर मौजूद ही नहीं था। इसकी पुष्टि वहां मौजूद ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और मीडिया प्रतिनिधियों से की जा सकती है।
साहू ने प्रशासन से मांग की कि रेत माफिया द्वारा की गई झूठी शिकायत की निष्पक्ष जांच हो और दोषी पाए जाने पर FIR रेत माफिया पर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन रोकने की लड़ाई को माफिया झूठी शिकायतों से दबा नहीं सकते।

घटनाक्रम का पूरा ब्यौरा–
साहू ने अपने आवेदन में लिखा है कि:
07 सितंबर 2025 को कोनचरा रोड पर अवैध रेत परिवहन कर रहे दो ट्रैक्टरों को ग्रामीणों व सहयोगियों की मदद से रोका गया और सूचना पर चौकी प्रभारी बेलगहना ने वाहनों को जप्त कर थाने लाया।
08 सितंबर 2025 को नगदहरा (नगोई पंचायत) के पास 5-6 हाईवा और एक भरा हुआ हाईवा रेत के साथ पकड़ा गया। मौके पर चैनमाउंटेन से अवैध उत्खनन भी ग्रामीणों व मीडिया के सामने उजागर हुआ।
खनिज निरीक्षक यादव की मौजूदगी में रात 10:30 बजे तक चैनमाउंटेन और हाईवा की जप्ती की गई और पंचनामा तैयार किया गया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान संजय यादव मौके पर मौजूद ही नहीं थे।
ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
घटना स्थल पर 300 से 400 ग्रामीण, जनपद सदस्य परमेश्वर पैकरा, नगपुरा सरपंच, अजय पैकरा सहित कई लोग उपस्थित थे। साथ ही समय न्यूज के संभागीय ब्यूरो चीफ रविराज रजक और अंतिम तक न्यूज के जिसान अंसारी ने भी पूरे घटनाक्रम को कवर किया और समाचार प्रसारित किए।
समाजसेवी का पक्ष
सचिन साहू ने कहा कि –
“मेरे खिलाफ रेत माफिया बार-बार झूठी शिकायतें कर रहा है। पूर्व में भी मुझे झूठे मामलों, यहाँ तक कि अत्याचार अधिनियम (SC/ST Act) में फंसाने की कोशिश की गई थी। यह सब मेरी छवि धूमिल करने और आंदोलन को दबाने की चाल है। लेकिन मैं पीछे हटने वाला नहीं हूँ।”
उन्होंने कहा कि अवैध रेत खनन की जानकारी देने और रोकने का काम वे वर्ष 2016 से लगातार प्रशासन और जनता के सहयोग से करते आ रहे हैं।

अब प्रशासन पर टिकी निगाहें
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस झूठी शिकायत का विरोध किया है और रेत माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन अवैध रेत कारोबार को संरक्षण देने वालों पर नकेल कसता है या आंदोलनकारी समाजसेवी की आवाज दबाने की कोशिश करता है।
इस घटना ने ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में भी आक्रोश फैला दिया है। उनका कहना है कि जो समाजसेवी वर्षों से अवैध खनन के खिलाफ खड़ा है, उसी को झूठे मामले में फंसाने की कोशिश की जा रही है। यह आंदोलन को कुचलने का कुत्सित प्रयास है, जो कभी सफल नहीं होगा।
अब सवाल यह उठ रहा है कि सुशासन के इस दौर में क्या प्रशासन रेत माफिया के खिलाफ अपराध दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करेगा या फिर सच को उजागर करने वाले समाजसेवी की आवाज दबाई जाएगी।
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