लोक परंपरा को मिला प्रशासनिक संबल – कलेक्टर दीपक सोनी की पहल से कुम्हार परिवारों को राहत।

बलौदाबाजार। आजाद भारत न्यूज़।
दीपावली पर्व के अवसर पर जिले के कुम्हारों और ग्रामीण हस्तशिल्पकारों के लिए खुशखबरी आई है। पारंपरिक मिट्टी के दीपक बनाकर बिक्री करने वाले स्थानीय कारीगरों और ग्रामीणों से अब किसी प्रकार का कर या शुल्क नहीं वसूला जाएगा।
कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि दीपावली जैसे पारंपरिक त्यौहारों में स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बाजार से खरीदे गए प्लास्टिक या केमिकल आधारित सामानों की बजाय स्थानीय स्तर पर निर्मित मिट्टी के दीपक, दीये, खिलौने और अन्य स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें।
कलेक्टर ने कहा कि “यह कदम न केवल हमारी लोक परंपरा और स्वदेशी संस्कृति को सशक्त करेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।”
उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे “वोकल फॉर लोकल” के संदेश को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान दें।
कुम्हार समाज और ग्रामीण कलाकारों ने कलेक्टर की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रशासनिक सहयोग से अब उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा और पारंपरिक मिट्टी कला को नया जीवन मिलेगा।

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