त्योहारों में सफर नहीं… क्योंकि ट्रेनें रद्द हैं! रेलवे का इंटरलॉकिंग कार्य बना आम यात्रियों के लिए बाधा!

बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने एक बार फिर यात्रियों को निराश करते हुए अगस्त माह के शुरुआती दिनों में भी कई लोकल व एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की है। इससे पहले जुलाई में भी 30 से अधिक ट्रेनें रद्द की गई थीं। अब 2 और 3 अगस्त को 4 महत्वपूर्ण मेमू ट्रेनों को रद्द किया जाएगा। इससे त्योहारों के मौसम में यात्रा कर रहे आम लोगों, विशेषकर महिलाओं और बुजुर्ग यात्रियों को खासी परेशानी उठानी पड़ेगी।

क्या है कारण? – इंटरलॉकिंग कार्य
रेलवे द्वारा बताया गया है कि उरगा स्टेशन पर इंटरलॉकिंग अपग्रेडेशन कार्य के चलते 27 जुलाई से ट्रैफिक ब्लॉक लिया जा रहा है। इसी कारण अगले कुछ दिनों तक कई ट्रेनें निरस्त रहेंगी। जिन ट्रेनों को 2 और 3 अगस्त को रद्द किया जाएगा, उनमें शामिल हैं:
68734 बिलासपुर–गेवरा रोड मेमू
68733 गेवरा रोड–बिलासपुर मेमू
68732 बिलासपुर–कोरबा मेमू
68731 कोरबा–बिलासपुर मेमू
崙 रक्षाबंधन और तीजा पर महिलाओं को झटका
अगस्त माह छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में त्योहारों का महीना होता है। राखी, तीजा, जन्माष्टमी जैसे पारिवारिक त्योहारों में महिलाएं बड़ी संख्या में मायके या ससुराल आने-जाने की योजना बनाती हैं। ऐसे में रेल सेवाओं का बाधित होना यात्रियों के लिए बेहद तकलीफदेह साबित हो सकता है।
स्थानीय यात्रियों का कहना है कि “रेलवे हर बार मेंटेनेंस और तकनीकी कार्य के नाम पर ट्रेनों को रद्द कर देता है, लेकिन त्योहारों में भी यदि यही हाल रहा, तो आम जनता कैसे यात्रा करेगी?”
❌ कौन-कौन सी ट्रेनें रद्द रहेंगी?
रेलवे के अनुसार बिलासपुर मंडल से गुजरने वाली ये प्रमुख ट्रेनें भी अगस्त में रद्द रहेंगी:
हटिया एक्सप्रेस
पुरी-जोधपुर-पुरी एक्सप्रेस
उदयपुर-शालीमार-उदयपुर एक्सप्रेस
गयाकुर्ल-पुणे एक्सप्रेस
रायगढ़-गोंदिया मेमू
झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू
रायपुर-बिलासपुर पैसेंजर
पुणे-सांतरागाछी-पुणे एक्सप्रेस
हावड़ा-मुंबई-हावड़ा एक्सप्रेस
शालीमार-टाटानगर, टाटानगर-बिलासपुर आदि
इसके अलावा 22 एक्सप्रेस व 4 मेमू ट्रेनों के अगले आदेश तक रद्द रहने की सूचना दी गई है।
जनता का सवाल – क्या यह योजना पहले नहीं बन सकती थी?
छात्र, नौकरीपेशा, व्यापारी और ग्रामीण यात्रियों का कहना है कि रेलवे ने एक बार फिर उन्हें मुश्किल में डाल दिया है।
रायगढ़ निवासी प्रिया साहू बताती हैं:
“मैं तीजा पर मायके आने वाली थी, लेकिन अब मेरी ट्रेन रद्द कर दी गई है। टिकट की रिफंड प्रक्रिया भी धीमी है और वैकल्पिक साधन महंगे हैं।”
कोरबा के व्यापारी विनोद श्रीवास्तव का कहना है:
“व्यापार सीजन चल रहा है, त्योहारों में लोग खरीदारी करने आते हैं। ऐसे समय में ट्रेनें बंद होना व्यापार को नुकसान पहुंचाएगा।”
रेलवे को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए
सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और आम जनता ने रेलवे से मांग की है कि—
1. इंटरलॉकिंग जैसे कार्य त्योहारों के समय न किए जाएं।
2. वैकल्पिक ट्रेन सेवाएं शुरू की जाएं।
3. त्योहारों में अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएं।
4. यात्रियों को समय पर और पारदर्शी सूचना दी जाए।
आजाद भारत न्यूज़ की अपील
त्योहारों का समय लोगों को अपनों से जोड़ता है। ऐसे में ट्रेनों का रद्द होना सिर्फ एक ‘तकनीकी निर्णय’ नहीं, बल्कि लाखों यात्रियों की भावनाओं पर असर डालता है। रेलवे विभाग को जिम्मेदारी से निर्णय लेना होगा ताकि विकास कार्य यात्रियों की सुविधा के साथ संतुलित किया जा सके।
रिपोर्ट – आजाद भारत न्यूज़ टीम, बिलासपुर
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