खोंगसरा वन परिक्षेत्र में हिरण की संदिग्ध मौत: वन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल?? SDO ने दी कार्यवाही का आश्वासन।

बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड अंतर्गत सहायक वन परिक्षेत्र खोंगसरा, रेंज ऑफिस बेलगहना क्षेत्र में एक हिरण की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृत हिरण का शव क्षेत्र में ही बरामद किया गया, जिसकी सूचना पर वन विभाग के डिप्टी रेंजर मौके पर मौजूद रहे।


❗ मौके पर ही मौत, पर नहीं मिला स्पष्ट कारण
स्थानीय ग्रामीणों ने सबसे पहले हिरण के मृत अवस्था में पड़े होने की जानकारी दी। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि यह मामला शिकार या भोजन की कमी से जुड़ा हो सकता है, लेकिन वन विभाग की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है।
❓ वन विभाग की लापरवाही पर सवाल
वन क्षेत्र में हिरण जैसी संरक्षित प्रजाति की मौत चिंता का विषय है।
क्या क्षेत्र में पर्याप्त निगरानी नहीं है?
क्या पानी और चारे की व्यवस्था जंगल में ठीक नहीं है?
कहीं यह अवैध शिकार का मामला तो नहीं?
इन तमाम सवालों पर वन विभाग की चुप्पी संदेह को और गहरा रही है।
ग्रामीणों की मांग: हो निष्पक्ष जांच
ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमियों ने हिरण की मौत की गहन जांच की मांग की है और कहा कि वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर वन विभाग को और सतर्कता बरतने की जरूरत है।
घटना की पुष्टि और मौके पर पहुंची टीम
डिप्टी रेंजर नरेंद्र सिंह बैसवाड़े ने बताया:
“हमें सूचना मिलते ही हम टीम के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे हैं। घटना की जांच की जा रही है।”
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, मृत हिरण को सबसे पहले चराई क्षेत्र के पास देखा गया। मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शिकार, बीमारी या पानी-चारे की कमी जैसी आशंकाएं जताई जा रही हैं।
राजू सिंह राजपूत (पूर्व रेल सलाहकार समिति सदस्य) का बयान:
> “यह घटना अत्यंत दुःखद है। स्टाफ की नियमित अनुपस्थिति को लेकर कई बार शिकायतें मिली हैं। मैंने तत्काल DFO और उच्च अधिकारियों को सूचित किया है। जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार होगा, उस पर कार्यवाही तय है।”
निश्छल शुक्ला (SDO) कोटा वन विभाग- इसकी सूचना मिली है। हमारीं टीम मौके पर मौजूद है। घटना की जांच होगी। दोषियों पर कार्यवाही होगी। 2 स्टाफ लगातार नदारद है। कार्यवाही होगी।
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❓ जवाबों से ज्यादा सवाल
क्या जंगल में वन्यजीवों की निगरानी के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं?
नियमित पेट्रोलिंग क्यों नहीं हो रही?
क्या यह शिकार का मामला है?
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों और वन्य प्रेमियों ने इस घटना की गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि वन क्षेत्र में लगातार निगरानी और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए योजनाबद्ध काम होना चाहिए।
मौके पर डिप्टी रेंजर मौजूद, लेकिन डॉक्टर नदारद
डिप्टी रेंजर नरेंद्र सिंह बैसवाड़े ने जानकारी दी:- “हमें जैसे ही सूचना मिली, हम तत्काल टीम के साथ मौके पर पहुंचे। घटना की जांच की जा रही है।”
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि घंटों बीतने के बाद भी हिरण का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है, क्योंकि बेलगहना के पशु चिकित्सक का इंतजार किया जा रहा है। इससे वन विभाग की तत्काल प्रतिक्रिया और तैयारी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आजाद भारत की रिपोर्ट जारी रहेगी
हम इस घटना की आगे की जानकारी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और वन विभाग की कार्रवाई पर नजर बनाए रखेंगे।
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