October 16, 2025

जनमन योजना के तहत टाटीधार पंचायत के ठोड़ीनार ग्राम में अधूरा बहुउद्देशीय भवन जल्दबाजी में उद्घाटन- जनप्रतिनिधियों ने जताई नाराजगी

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खोंगसरा(कोटा),बिलासपुर- आजाद भारत न्यूज़
जनजातीय क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के कल्याण हेतु केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित “जनमन योजना” के अंतर्गत बने बहुउद्देशीय भवनों का उद्देश्य इन समुदायों को शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक संरक्षण की एकीकृत सुविधा प्रदान करना है।
परंतु टाटीधार पंचायत के आश्रित ग्राम ठोड़ीनार में इस योजना के तहत निर्मित भवन का लोकार्पण अधूरा होने के बावजूद जल्दबाजी में कर दिया गया।

जनमन योजना क्या है?

जनमन योजना राज्य सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसके अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे और सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है।
इस योजना का उद्देश्य केवल भवन निर्माण नहीं, बल्कि समुदाय के समग्र उत्थान के लिए बहुउद्देशीय केंद्रों की स्थापना करना है।

ठोड़ीनार में अधूरे भवन का उद्घाटन

शनिवार को ठोड़ीनार ग्राम में इसी योजना के तहत निर्मित भवन का उद्घाटन महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और स्थानीय प्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया गया।
हालाँकि भवन अधूरा और अव्यवस्थित था — बिजली, पानी और शौचालय की स्थिति अत्यंत खराब थी।

कार्यक्रम में शामिल अतिथि:
मुख्य अतिथि ठाकुर रामेश्वर सिंह (मंडल अध्यक्ष, भाजपा बेलगहना),
संगीता सम्मार सिंह सौता (सरपंच टाटीधार),
शिवमान सिंह, बलराम सिंह (भाजपा जनजाति मोर्चा मंत्री),
सुरुचि श्याम (बाल परियोजना अधिकारी),
नर्स पूजा कुशवाहा, सुपरवाइजर पंच कुंवर,
साथ ही ग्रामवासी राज सिंह पटेल, मितानिन चंद्रिका ठाकुर,
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुखमती काशीपुरी, सोनिका मरावी,
सहायिकाएँ सविता बैगा और सावित्री बैगा उपस्थित रहीं।

स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल ऑफिसर अनुपस्थित रहे, जिससे विभागीय सहभागिता कमजोर रही। अकेले नर्स ने आये ग्रामीणों को विभाग के कार्यो से अवगत कराया।

भवन में पाई गई गंभीर खामियाँ

कॉमन टॉयलेट-बाथरूम से महिलाएँ असहज रहीं।

खराब फिटिंग के कारण नल से पानी का लगातार रिसाव।

भवन में बिजली की आपूर्ति नहीं।

पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं।

भवन तक पहुंचने का सड़क मार्ग अधूरा, जिससे पहुंचना कठिन।

ग्रामीणों ने बताया कि कुछ महीने पहले कलेक्टर संजय अग्रवाल ने दौरा कर सुधार के निर्देश दिए थे, लेकिन ठेकेदार द्वारा केवल खानापूर्ति कर काम पूरा बताया गया।

जनप्रतिनिधियों का आक्रोश

मंडल अध्यक्ष ठाकुर रामेश्वर सिंह का बयान- भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कहा कि-

“जनमन योजना एक संवेदनशील पहल है, जिसका उद्देश्य जनजातीय समाज को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से जोड़ना है। लेकिन ऐसे अधूरे भवनों का उद्घाटन योजना की साख को कमजोर करता है।
शासन और प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ठेकेदार द्वारा कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए।
अगर किसी भी प्रकार की लापरवाही सामने आती है, तो उसकी जाँच कर ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए।
जनता के विश्वास से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।” हमने तत्काल आंगनबाड़ी केंद्र बस्ती के नजदीक समुदायिक भवन में संचालन के लिए कहा है।

बलराम मरावी (भाजपा जनजाति मोर्चा मंत्री) ने कहा – “जनमन योजना जैसी महत्वपूर्ण पहल को ठेकेदारों की लापरवाही से बदनाम किया जा रहा है। यह योजना जनजातीय समुदायों के सम्मान और विकास के लिए है। अधूरे भवनों का लोकार्पण जनता के साथ छल है। सभी भवनों की जांच और दोषियों पर कार्रवाई जरूरी है।”

अधिकारियों का जवाब- बाल परियोजना अधिकारी सुरुचि श्याम ने बताया –

“शासन के आदेशानुसार केंद्र का लोकार्पण किया गया है। ग्राम में पहले से आंगनवाड़ी केंद्र नहीं था, इसलिए यहां अस्थायी रूप से संचालन शुरू किया जाएगा। भवन पूर्ण होते ही केंद्र को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा।”

निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर नंदेश्वर ने कहा –

“हम बाहर हैं लेकिन जल्द ही अधूरे कार्य पूरे किए जाएंगे। शौचालय को महिला और पुरुषों के लिए अलग किया जाएगा। शासन के निर्देश पर लोकार्पण किया गया, पर हमारी टीम शामिल नहीं हो पाई।”

“जनमन योजना” जहाँ सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, वहीं जमीनी स्तर पर इसकी गुणवत्ता, निगरानी और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
ठोड़ीनार का उदाहरण दर्शाता है कि योजनाओं की सफलता केवल निर्माण से नहीं, बल्कि सक्रिय समुदाय भागीदारी, जवाबदेही और समय पर निरीक्षण से तय होती है।
ग्रामीणों ने ठेकेदार की जाँच और भवन की मरम्मत के साथ-साथ बिजली, पानी और सड़क की तत्काल व्यवस्था की मांग की है।

    जनमन योजना राज्य सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसके अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास के लिए बुनियादी ढांचे और सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है।
इस योजना का उद्देश्य केवल भवन निर्माण नहीं, बल्कि समुदाय के समग्र उत्थान के लिए बहुउद्देशीय केंद्रों की स्थापना करना है।

योजना के मुख्य उद्देश्य और विशेषताएँ:

1. शिक्षा और पोषण:

प्रारंभिक शिक्षा हेतु नए आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना।

बच्चों को पूरक पोषण आहार और पूर्व-विद्यालय शिक्षा की सुविधा।

2. स्वास्थ्य एवं मातृ-शिशु कल्याण:

माताओं और बच्चों के लिए टीकाकरण, प्राथमिक उपचार और पोषण परामर्श की सुविधा।

स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से नियमित स्वास्थ्य शिविर।

3. सांस्कृतिक संरक्षण:

स्थानीय जनजातीय कला, हस्तशिल्प, लोकगीत और परंपराओं को संरक्षित करने हेतु प्रदर्शनी क्षेत्र।

सांस्कृतिक गतिविधियों और सामुदायिक मेल-मिलाप का स्थान।

4. बुनियादी सुविधाओं का एकीकरण:

पेयजल, शौचालय, सड़क, और स्वच्छता जैसी सुविधाओं का समावेश।

ग्रामीणों को सामुदायिक बैठक और प्रशिक्षण के लिए स्थान उपलब्ध कराना।

5. सौर ऊर्जा और हरित तकनीक:

जहाँ ग्रिड बिजली उपलब्ध नहीं है, वहाँ ऑफ-ग्रिड सौर पैनलों से विद्युतीकरण।

पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत को बढ़ावा।

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