August 5, 2025

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में भालू के हमले में पिता-पुत्र की मौत: एक वन कर्मी का हाथ नोचा, कई ग्रामीण घायल, भालू को पकड़ने में जुटा वन विभाग. वीडियो देखें-

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आज़ाद भारत न्यूज़ | कांकेर से विशेष रिपोर्ट
16 जुलाई 2025 | संवाददाता – कांकेर, छत्तीसगढ़

कांकेर: खेत जा रहे किसान पर भालू का हमला, ग्रामीणों ने बचाई जान, घायल रेफर

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के डोंगरकट्टा गांव में मंगलवार सुबह एक दर्दनाक घटना घटी, जिसने पूरे इलाके में दहशत फैला दी। खेत की ओर जा रहे एक ग्रामीण किसान पर जंगली भालू ने अचानक हमला कर दिया। यह घटना कोरर वन परिक्षेत्र की सीमा से लगे क्षेत्र में हुई, जहां जंगल गांव से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

सुबह लगभग 7 बजे किसान हमेशा की तरह अपने खेत की ओर निकला था। खेत और गांव के बीच एक संकरी पगडंडी से होकर गुजरते समय झाड़ियों में छिपे भालू ने उस पर झपट्टा मारा। किसान पूरी तरह से असहाय था और संभलने से पहले ही भालू ने उसे नीचे गिरा दिया।

हमले की आवाज सुनकर नजदीकी खेतों में काम कर रहे ग्रामीण दौड़े चले आए। किसान की चीखें सुनकर उन्होंने स्थिति को समझा और लाठियों, पत्थरों और शोरगुल के सहारे भालू को डराकर भगा दिया। करीब दस मिनट की जद्दोजहद के बाद भालू जंगल की ओर भाग गया, लेकिन तब तक किसान गंभीर रूप से घायल हो चुका था।

घायल अवस्था में उसे स्थानीय ग्रामीणों की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को गंभीर मानते हुए उसे जिला अस्पताल कांकेर रेफर कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, किसान के शरीर पर कई जगह पंजों और दांतों के गहरे घाव हैं।

घटना के बाद गांव में भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से इस इलाके में भालुओं की आवाजाही लगातार बढ़ी है, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। न ही गांव के पास कोई चेतावनी बोर्ड लगे हैं, न कैमरा ट्रैप, न ही किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था।

गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने बताया कि वन विभाग को कई बार सूचित किया जा चुका है, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति होती है। न तो कोई ट्रैंक्विलाइज़र टीम भेजी जाती है, न ही क्षेत्र का निरीक्षण गंभीरता से होता है। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही भालू को पकड़ा नहीं गया और सुरक्षा उपाय नहीं किए गए, तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

वन विभाग की ओर से देर शाम एक टीम गांव पहुंची, जहां उन्होंने घायल किसान की जानकारी ली और ग्रामीणों से बातचीत की। अधिकारियों ने बताया कि भालू को पकड़ने के लिए जल्द ही पिंजरा और कैमरा ट्रैप लगाए जाएंगे। हालांकि, ग्रामीणों का भरोसा अब टूट चुका है।

इस तरह की घटनाएं न केवल ग्रामीणों की जान के लिए खतरा हैं, बल्कि वन्यजीवों और मनुष्यों के बीच टकराव को भी बढ़ावा देती हैं। पर्यावरण और जैव विविधता की रक्षा के लिए जरूरी है कि दोनों के बीच संतुलन बना रहे, लेकिन जब भालू जैसे जानवर गांव तक आने लगें और हमले करने लगें, तो सवाल उठता है कि वन विभाग की सतर्कता आखिर कहाँ है?

आज़ाद भारत न्यूज़ आपसे अपील करता है कि ऐसे मामलों में संवेदनशीलता दिखाएं और ज़िम्मेदार अधिकारियों से तत्काल एक्शन की माँग करें। यह केवल एक किसान पर हमला नहीं था, बल्कि पूरे गांव की सुरक्षा पर हमला था।

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रिपोर्ट: आज़ाद भारत न्यूज़, कांकेर

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