“शिक्षा की नींव हमने खुद रखी” — कांकेर के मड़पा गांव में ग्रामीणों ने चंदा कर बनाया स्कूल भवन,

कांकेर के मड़पा गांव में ग्रामीणों ने चंदा जुटाकर खुद बनाया स्कूल भवन, सरकार की उदासीनता पर उठे सवाल–जब सरकार ने नहीं सुनी, तो गांववालों ने खुद बनाई शिक्षा की राह!
रिपोर्ट: आज़ाद भारत न्यूज़ | स्थान: मड़पा, कांकेर (छत्तीसगढ़)
कांकेर जिले के अंतागढ़ विकासखंड का एक छोटा-सा गांव मड़पा, इन दिनों चर्चा में है — वजह है गांववासियों की एकजुटता और शिक्षा के प्रति उनकी अद्भुत प्रतिबद्धता।
जहाँ वर्षों से जर्जर स्कूल भवन में बच्चों की पढ़ाई किसी खतरे से कम नहीं थी, वहीं सरकार की बेरुखी ने हालात और भी बदतर कर दिए थे। लेकिन ग्रामीणों ने हार नहीं मानी — उन्होंने अपने संसाधनों से चंदा इकट्ठा किया और एक नया स्कूल भवन अपने दम पर खड़ा कर दिया।


कांकेर जिले के अंतागढ़ विकासखंड के मड़पा गांव में शिक्षा की स्थिति वर्षों से बेहद चिंताजनक रही है। जर्जर स्कूल भवन के कारण बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा दोनों खतरे में थी।
विडंबना यह रही कि इस क्षेत्र में लोहा खनन के लिए ट्रेन की सुविधा पहुँच चुकी है, लेकिन शिक्षा के नाम पर बुनियादी भवन तक नहीं था।
“जब ट्रेनें पहुँच सकती हैं, तो स्कूल क्यों नहीं?” — यह सवाल आज भी यहां के ग्रामीणों को कचोटता है।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। गांव के लोगों ने चंदा इकट्ठा कर अपने दम पर एक नया स्कूल भवन बनाया और बच्चों के भविष्य को अंधेरे से निकालकर रोशनी की ओर मोड़ दिया।
यह सिर्फ एक इमारत नहीं है — यह सपनों की नींव है!
“सरकार की राह देखते-देखते बहुत समय बीत गया। अब हमने तय किया कि अपने बच्चों की शिक्षा से समझौता नहीं करेंगे।”
सेल्यूट उन ग्रामीणों को जिन्होंने दिखा दिया कि विकास सिर्फ बाहर से नहीं, भीतर से शुरू होता है।
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