एक विशेष लेख, हमारे उन रक्षक परिवारों के नाम, जो सिर्फ गोलियां नहीं, हौसले भी झेलते हैं

बस्तर।
नाम लेते ही पहाड़, जंगल और बंदूकें याद आती हैं। पर शायद ही कोई सोचता है कि वहाँ हर दिन ड्यूटी करने वाला एक जवान सुबह कितनी दुआओं के साथ अपने बूट बांधता है। बस्तर में तैनात हर पुलिसकर्मी सिर्फ एक अफसर नहीं, एक बेटा है, एक भाई है, एक पिता है, एक पति है – और सबसे बढ़कर, वह एक ज़िंदा इंसान है, जो दिन-रात सिर्फ वर्दी की नहीं, वतन की रक्षा कर रहा है।

आज जब पूरे देश में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई चल रही है — और खुद केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह बस्तर ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं — तब बस्तर पुलिस के सिपाहियों का संकल्प पहले से कहीं अधिक मजबूत, और मन पहले से कहीं अधिक संवेदनशील हुआ है।

🚨 तनाव के बीच भी मुस्कान – बस्तर पुलिस का असली शौर्य

जहाँ हर मोड़ पर खतरा है, वहाँ हर दिन ड्यूटी करना केवल बहादुरी नहीं, बलिदान है। लेकिन फिर भी वे मुस्कराते हैं।
क्यों?
क्योंकि उन्हें मालूम है कि उनकी मुस्कान ही उनके परिवार की ताकत है।

आज बस्तर पुलिस केवल दुश्मन का सामना नहीं कर रही — वो अपने भीतर के डर, थकान, और तनाव से भी लड़ रही है।
लेकिन अच्छी बात ये है कि अब मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सिस्टम बदल रहा है।
आज जवानों को भी सुना जा रहा है, उन्हें समझा जा रहा है, योग और काउंसलिंग सेशन से उन्हें मानसिक रूप से भी मज़बूत किया जा रहा है।

🌳 बस्तर के जंगलों में अब भरोसा भी उग रहा है

जहाँ पहले वर्दी देखकर लोग डरते थे, वहाँ अब बच्चे दौड़कर कहते हैं — “पुलिस अंकल आ गए!”
इस बदलाव के पीछे हैं वे पुलिस वाले, जिन्होंने सिर्फ बंदूक नहीं, दिल भी खोला।

‘पुलिस मित्र’, ‘सिविक एक्शन प्रोग्राम्स’, ‘जनसंवाद यात्राएं’, और खेल आयोजन — ये सब अब रोज़मर्रा का हिस्सा हैं।
बस्तर पुलिस अब सिर्फ एक बल नहीं, एक परिवार बन चुकी है — लोगों के बीच, लोगों के लिए।

🫡 और परिवारों के लिए — आपका बेटा ही आज देश की ढाल है

उन माँओं के लिए, जो हर फोन कॉल पर दिल थामकर बैठती हैं…
उन पत्नियों के लिए, जो हर रक्षाबंधन पर राखी के साथ एक खत भी भेजती हैं…
उन बच्चों के लिए, जो अपने पापा को सिर्फ वीडियो कॉल पर देख पाते हैं…

आप जान लें — आपका बलिदान व्यर्थ नहीं है।
आपके बेटे, पति, भाई — आज सिर्फ आपके नहीं, पूरे भारत के नायक हैं।

📣 अंतिम पंक्तियाँ – दिल से निकली बात

बस्तर पुलिस सिर्फ एक डिपार्टमेंट नहीं,
वो भारत के हौसले की सबसे चमकदार तस्वीर है।
जब वो वर्दी पहनते हैं, तो सिर्फ शरीर नहीं,
पूरी आत्मा देश के नाम कर देते हैं।

तो अगली बार जब आप किसी पुलिसवाले को देखें,
तो उसे सिर्फ “सर” मत कहिए,
उसके लिए दिल से कहिए —
“धन्यवाद, आप हैं, इसलिए हम सुरक्षित हैं।”

अगर आप भी किसी पुलिसवाले के परिवार से हैं, तो यह लेख आपके नाम है।
अगर आप खुद पुलिस बल में हैं, तो यह लेख आपके जज़्बे को सलाम करता है।
और अगर आप आम नागरिक हैं, तो कृपया ये लेख ज़रूर शेयर करें –
क्योंकि असली हीरो लाइमलाइट नहीं, ड्यूटी पर होते हैं।
जय हिन्द।

पल्लवी शिल्पी
( संयुक्त संपादक )

Mpt news

दिनांक :- 20/6/2025

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