रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीण इलाकों में सस्ती और आसान परिवहन सेवा सुनिश्चित करने के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना’ की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत कम यात्री सुविधा वाले दूरस्थ क्षेत्रों में बसें चलाई जाएंगी और बस संचालकों को सरकार द्वारा प्रतिकिलोमीटर सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

परिवहन विभाग के अनुसार, पहले चरण में 100 बसों का संचालन किया जाएगा। इस योजना को प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार बस संचालकों को प्रति किलोमीटर 26 रुपये की दर से सहायता देगी। यह सब्सिडी तीन वर्षों तक क्रमशः घटती दरों पर दी जाएगी—पहले वर्ष 26 रुपये, दूसरे वर्ष 24 रुपये और तीसरे वर्ष 22 रुपये प्रति किलोमीटर।

योजना के तहत 18 से 42 सीटर हल्के और मध्यम बसों को प्राथमिकता दी जाएगी और स्थानीय लोगों को बस संचालन का अवसर दिया जाएगा। विशेष रूप से अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों को प्राथमिकता मिलेगी।

सरकार ने योजना के लिए प्रारंभिक रूप से 25 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। ग्रामीण मार्गों पर बसों के संचालन हेतु जारी किए जाने वाले पहले परमिट पर तीन वर्षों तक मासिक कर से पूरी छूट दी जाएगी।

विशेष रियायतें:
• दृष्टिहीन, बौद्धिक रूप से दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में अक्षम दिव्यांग, 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के बुजुर्गों और एड्स पीड़ितों को एक सहायक के साथ किराए में पूरी छूट दी जाएगी।
• माओवादी हिंसा से प्रभावित व्यक्तियों को यात्रा किराए में 50% की रियायत मिलेगी।

हालिया बैठक में लिए गए निर्णय:
राज्य स्तरीय समिति की हालिया बैठक में, परिवहन सचिव एवं आयुक्त एस. प्रकाश की अध्यक्षता में, सुदूर ग्रामीण इलाकों में परिवहन सेवा के विस्तार पर चर्चा हुई। इसमें बस्तर में 55 और सरगुजा में 16 नए रूट्स पर बस सेवा शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया है। जिन ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क तो है, लेकिन यात्री वाहन नहीं चलते, वहां प्राथमिकता के आधार पर बसें चलाई जाएंगी।

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