बिलासपुर – रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों और कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता एवं विश्वास कायम करने के उद्देश्य से एक नई पहल की जा रही है। अब बिलासपुर रेल मंडल के पीआरएस (रिजर्वेशन काउंटर) और यूटीएस (जनरल टिकट काउंटर) पर कार्यरत कर्मचारियों को ड्यूटी के दौरान बॉडी वॉर्न कैमरे पहनने होंगे।

इस कदम के पीछे वजह यह है कि अक्सर टिकट काउंटरों पर कर्मचारियों और यात्रियों के बीच वाद-विवाद की स्थिति बन जाती है। कई बार कुछ कर्मचारी अपने परिचितों या बिचौलियों के टिकट पहले बना देते हैं, जिससे लाइन में लगे अन्य यात्रियों में असंतोष फैलता है। वहीं, कुछ यात्री भी जानबूझकर विवाद उत्पन्न करते हैं। ऐसी स्थिति में कैमरे की रिकॉर्डिंग से सही तथ्यों को स्पष्ट किया जा सकेगा।

कैमरे के ज़रिए न केवल टिकट वितरण की प्रक्रिया पर निगरानी रखी जा सकेगी, बल्कि स्टाफ के व्यवहार और यात्रियों की प्रतिक्रिया का भी उचित रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा। इस पहल का प्रस्ताव दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के मुख्यालय को भेजा गया है। प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि इससे पहले यह तकनीक टिकट चेकिंग स्टाफ के लिए अपनाई गई थी। वर्तमान में लगभग 50 टिकट निरीक्षक ट्रेनों और स्टेशनों पर कंधे पर कैमरे लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं। कुछ कर्मचारियों को अभी कैमरे दिए जाने बाकी हैं, जिन्हें भी जल्द ही कवर कर लिया जाएगा।

रेलवे अब इसी प्रणाली को काउंटर स्टाफ तक विस्तारित करने जा रहा है। प्रारंभिक चरण में 40–50 कर्मचारियों को कैमरे दिए जाएंगे और मार्च 2026 तक सभी फ्रंटलाइन कर्मचारियों को इस डिवाइस से लैस करने की योजना है।

बॉडी वॉर्न कैमरा क्या है?
यह एक छोटा, हल्का इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है, जिसे शर्ट की जेब, कॉलर या जैकेट पर लगाया जा सकता है। यह कैमरा वीडियो और ऑडियो दोनों को हाई-क्वालिटी में रिकॉर्ड करता है, जिससे घटनाओं और संवादों का स्पष्ट रिकॉर्ड रखा जा सकता है।

रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह के मुताबिक, इस पहल से रेलवे की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी और यह यात्री तथा कर्मचारी दोनों के हित में साबित होगी।

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