
बरगंवा/अमामुंडा।
एक मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक के लापता होने के बाद परिवार और गांव में बेचैनी का माहौल था। लेकिन समय पर मिली सूचना, स्थानीय जागरूक नागरिकों और जूदेव सेना की सक्रियता के चलते युवक को सुरक्षित ढूंढ निकाला गया और उसके परिजनों को सौंप दिया गया, जो कि मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी की एक जीवंत मिसाल है।

युवक 4 दिन से था लापता
ग्राम पंचायत मझगांव (निवासी: बरगंवा) का 36 वर्षीय युवक मानसिक रूप से अस्वस्थ है। वह तीन दिन पहले अमामुंडा क्षेत्र से अचानक लापता हो गया था। परिवार ने पहले अपने स्तर पर उसकी खोज की, लेकिन जब वह न तो अपने ससुराल पहुंचा और न ही घर लौटा, तब परिवार ने आसपास के क्षेत्रों और व्हाट्सएप ग्रुपों में उसकी गुमशुदगी की सूचना साझा की।
सोशल मीडिया पर फैली सूचना बनी मदद का जरिया
जैसे ही युवक के लापता होने की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से क्षेत्र में फैली, जूदेव सेना के सक्रिय सदस्यों ने इस पर तुरंत ध्यान दिया। आमजन से प्राप्त सूचनाओं और आसपास के लोगों से पूछताछ के आधार पर युवक की खोजबीन शुरू की गई।
जूदेव सेना की टीम ने निभाई अहम भूमिका
जूदेव सेना के कार्यकर्ता सुनील पैकरा, जितेंद्र और दीपक रजक ने अत्यंत मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए व्यक्तिगत रूप से क्षेत्र में युवक की तलाश की। आखिरकार उन्होंने युवक को घुटकू स्टेशन क्षेत्र में भ्रमित अवस्था में पहचान लिया।
उसे समझाइश और विश्वास के साथ अपने संरक्षण में लिया गया और सुरक्षित रूप से बरगंवा लाकर उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। युवक के परिवार वालों की आंखों में आंसू थे, लेकिन वह इस बात के लिए बेहद आभारी थे कि सही समय पर मदद मिली।

ग्रामीणों और परिजनों ने जताया आभार
परिवारजनों और गांववासियों ने जूदेव सेना की तत्परता और सेवाभावना की सराहना करते हुए कहा कि अगर यह मदद समय पर न मिलती तो कोई अनहोनी भी हो सकती थी। इस घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया कि जब समाज के लोग जागरूक और संवेदनशील होते हैं, तब कोई भी संकट छोटा हो जाता है।
निवेदन: समाज में जागरूकता ज़रूरी
सभी नागरिकों से अपील है कि यदि किसी को भविष्य में यह युवक या कोई अन्य मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति असहाय स्थिति में दिखाई दे, तो तत्काल स्थानीय प्रशासन या परिजनों को सूचना दें। आपसे यह भी निवेदन है कि इस संदेश को अपने-अपने व्हाट्सएप ग्रुपों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अधिक से अधिक साझा करें, ताकि ज़रूरतमंद को समय पर मदद मिल सके।