जिला रायगढ़-रिपोर्ट आजाद भारत न्यूज़ टीम छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के नंसिया गांव में एक अद्भुत और दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जिसने न सिर्फ वन्यजीव प्रेमियों को उत्साहित किया है, बल्कि आम लोगों में भी प्राकृतिक जीवन के प्रति जागरूकता और सम्मान को बढ़ाया है। यह कहानी है एक अजगर के रेस्क्यू की, उसके अंडों की देखरेख की, और फिर उसमें से नन्हें अजगरों के जन्म की — एक पूरी जीवन यात्रा की, जिसे रायगढ़ एनिमल सेवा समिति ने बखूबी संभाला।

27 जून: एक चुनौतीपूर्ण लेकिन प्रेरणादायक रेस्क्यू

27 जून 2025 को, ग्रामीणों ने नंसिया गांव में एक विशाल अजगर के दिखाई देने की सूचना रायगढ़ एनिमल सेवा समिति को दी। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची, जहां उन्होंने एक 12 फीट लंबे अजगर को देखा। यह केवल एक रेस्क्यू नहीं था — अजगर के साथ 21 अंडे भी मिले, जो मिट्टी में सुरक्षित ढंग से रखे हुए थे।

अजगर की प्रजाति संरक्षित मानी जाती है, और ऐसे में अंडों का मिलना वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया।

विशेष निगरानी में की गई अंडों की देखभाल

धर्मेंद्र सिंह राजपूत, जो रायगढ़ एनिमल सेवा समिति के सक्रिय सदस्य हैं, ने बताया कि अंडों को एक सुरक्षित और उपयुक्त तापमान युक्त स्थान पर स्थानांतरित किया गया और उनकी निगरानी नियमित रूप से की गई। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी अंडा क्षतिग्रस्त न हो और हर बच्चे को पूर्ण रूप से विकसित होने का समय और स्थान मिले।

अंडों से बच्चों का सुरक्षित रूप से निकलना एक प्राकृतिक चमत्कार से कम नहीं था। वन्यजीवों में इस तरह की जैविक प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देख पाना आम लोगों के लिए दुर्लभ होता है।

जन्मे 21 नन्हें अजगर – जीवन चक्र की शुरुआत

समिति की देखरेख में सभी 21 अंडों से स्वस्थ अजगर के बच्चे बाहर आए, जो कि समिति और पूरे गांव के लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय बना। इन नन्हें अजगरों को सावधानीपूर्वक जंगल में छोड़ा गया, ताकि वे अपने प्राकृतिक परिवेश में स्वतंत्र रूप से जीवन शुरू कर सकें।

वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों ने इस कदम की सराहना की, क्योंकि यह दर्शाता है कि जब इंसान प्रकृति के साथ सहयोग करता है, तो जीवन फलता-फूलता है।

ग्रामीणों और समिति के बीच बढ़ा विश्वास

नंसिया गांव के लोगों ने रायगढ़ एनिमल सेवा समिति की तत्परता, संवेदनशीलता और व्यावसायिकता की सराहना की। उन्होंने कहा कि समिति ने केवल एक सांप को नहीं बचाया, बल्कि यह अभियान वन्यजीव संरक्षण के प्रति एक मजबूत संदेश भी बनकर उभरा है।

आज के दौर में जहां इंसानी गतिविधियां कई बार जीव-जंतुओं के अस्तित्व को खतरे में डालती हैं, वहीं ऐसे उदाहरण आशा की किरण बनते हैं।

अजगर का पारिस्थितिक महत्व

अजगर सिर्फ एक डरावना जीव नहीं है — यह पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। यह छोटे जीवों की आबादी को नियंत्रित करता है, और स्वयं भी खाद्य श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसलिए, इसका संरक्षण पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए जरूरी है।

यह घटना सिर्फ अजगर के बच्चों के जन्म की नहीं है, बल्कि प्रकृति, जीवन और जिम्मेदारी की एक गहरी कहानी है। रायगढ़ एनिमल सेवा समिति ने यह सिद्ध कर दिया कि एक संवेदनशील और जागरूक समाज ही असली “प्रकृति रक्षक” हो सकता है।

“जहां हर जीवन को महत्व दिया जाए, वहीं सच्चा विकास होता है।”
— आज़ाद भारत न्यूज़ टीम

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